News18Hindi
Updated: April 29, 2017, 11:02 AM IST
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इंतज़ार की घड़ियां
अब ख़त्म हो गई हैं. बाहुबली 2 रिलीज़ हो चुकी है. फ़िल्म की कहानी को लेकर
बहुत सारे कयास लगाए जा रहे थे. एस एस राजमौली के निर्देशन में बनी यह
फ़िल्म भारतीय फ़िल्म इतिहास की सबसे बड़ी फ़िल्म है.
राज़ से नहीं रिकैप से शुरू होती है फ़िल्म:
बाहुबली 2' की शुरुआत रिकैप से होती है. फ़िल्म की शुरुआत में ही बाहुबली की चाची और राजमाता (राम्या कृष्णा) और बाहुबली (प्रभास) के रिश्तों को टटोलने की कोशिश की जाती है. यह पूरी फ़िल्म उस रिकैप का हिस्सा है जो पहली फ़िल्म में बीच-बीच में दिखाया गया था.
बाहुबली 2 पहली बाहुबली का प्रीक्वल है. यानी यह पहली फ़िल्म से पहले की कहानी है. इस फ़िल्म में अमरेन्द्र बाहुबली (प्रभास) और उसके चचेरे भाई भल्लाल (राणा दुग्गुबती) के आपसी मतभेदों की कहानी है.
बाहुबली के राज्याभिषेक से पहले उसे और कटप्पा (सत्यराज) को राज्यभ्रमण पर भेजा जाता है. इसी दौरान वह खूबसूरत राजकुमारी देवसेना (अनुष्का शेट्टी) से मिलता है. देवसेना लड़ाई में प्रशिक्षित हैं.
बाहुबली उसको देखकर मुग्ध हो जाता है. इस दौरान कुछ कॉमेडी सीन हैं जो काफ़ी गुदगुदाते हैं और तालियां बटोरते हैं.
इसके बाद शुरू होता है लव ट्रायंगल:
बाहुबली तो पहले ही देवसेना को अपना दिल दे बैठा है. वहीं राजमाता अपने बेटे भल्लाल के लिए देवसेना को पसंद करती हैं. जैसा कि राजसी कहानियों में होता है, यहां भी षड्यंत्र रचे जाते हैं.
बाहुबली को राज्य से निकाल दिया जाता है. वह देवसेना के साथ आम जनता के बीच रहने लगता है.
राजमाता के कहने पर मारा था कटप्पा ने बाहुबली को!
यह खुलासा भी इस फ़िल्म में हो जाता है. एक साज़िश के तहत देवसेना के भाई को भल्लाल को मारने के लिए उकसाया जाता है. देवसेना के भाई पर आरोप लगता है कि वो बाहुबली के कहने पर भल्लाल को मारने आया है.
बाहुबली को झूठे आरोप में फंसा दिया जाता है. राजमाता भी इस साजिश में फंस जाती हैं. राजमाता भी बाहुबली को गुनाहगार मानती हैं और कटप्पा को हुक्म देती हैं कि वह बाहुबली को मार डाले.
राजमाता के आदेश पर मजबूर होकर कटप्पा ये जिम्मेदारी ले लेता है. और वह बाहुबली को धोखे से मार देता है. और भल्लाल आकर उसकी लाश के टुकड़े-टुकड़े कर देता है.
पहली फ़िल्म से बेहतर ग्राफ़िक्स:
इस फ़िल्म के ग्राफ़िक्स पहली फ़िल्म से काफ़ी बेहतर हैं. देवसेना का राज्य बाहुबली के राज्य से ज़्यादा सुंदर है. एक्शन सीक्वेंस बहुत कमाल के हैं. फ़िल्म "लार्ड ऑफ़ दि रिंग्स" की याद दिलाते हैं.
कटप्पा और बाहुबली के बीच कुछ कॉमेडी सीन हैं, दर्शकों को यह बहुत पसंद आए हैं. पूरी फ़िल्म के दौरान कई बार
संगीत फ़िल्म का सबसे कमज़ोर पक्ष:
फ़िल्म के गीत बेवजह रखे हुए लगते हैं. गाने लम्बे और खींचे हुए मालूम होते हैं. गीत-संगीत फ़िल्म का सबसे हल्का पक्ष है. फ़िल्म के बेहतरीन क्लाइमेक्स और एक्शन सीन के बीच यह गाने अपनी छाप नहीं छोड़ पाते.
फ़िल्म का क्लाइमेक्स:
फ़िल्म का क्लाइमेक्स कमाल का है. आख़िरी एक्शन सीन ने यह फ़िल्म एक अलग ही मुकाम को हासिल कर लेती है.
अनुष्का शेट्टी देवसेना के रोल में बिलकुल फिट लगी हैं. प्रभास को स्क्रीन पर देखना एक अच्छा अनुभव है. इस फ़िल्म के लिए की गई उनकी मेहनत साफ़ दिखती है.
कटप्पा और बाहुबली के बीच के कुछ कॉमेडी सीन दर्शकों को बहुत पसंद आए हैं. उम्मीद की जा सकती है कि यह फ़िल्म पहली फ़िल्म से बड़ी हिट साबित होगी.
राज़ से नहीं रिकैप से शुरू होती है फ़िल्म:
बाहुबली 2' की शुरुआत रिकैप से होती है. फ़िल्म की शुरुआत में ही बाहुबली की चाची और राजमाता (राम्या कृष्णा) और बाहुबली (प्रभास) के रिश्तों को टटोलने की कोशिश की जाती है. यह पूरी फ़िल्म उस रिकैप का हिस्सा है जो पहली फ़िल्म में बीच-बीच में दिखाया गया था.
बाहुबली 2 पहली बाहुबली का प्रीक्वल है. यानी यह पहली फ़िल्म से पहले की कहानी है. इस फ़िल्म में अमरेन्द्र बाहुबली (प्रभास) और उसके चचेरे भाई भल्लाल (राणा दुग्गुबती) के आपसी मतभेदों की कहानी है.
बाहुबली के राज्याभिषेक से पहले उसे और कटप्पा (सत्यराज) को राज्यभ्रमण पर भेजा जाता है. इसी दौरान वह खूबसूरत राजकुमारी देवसेना (अनुष्का शेट्टी) से मिलता है. देवसेना लड़ाई में प्रशिक्षित हैं.
बाहुबली उसको देखकर मुग्ध हो जाता है. इस दौरान कुछ कॉमेडी सीन हैं जो काफ़ी गुदगुदाते हैं और तालियां बटोरते हैं.
इसके बाद शुरू होता है लव ट्रायंगल:
बाहुबली तो पहले ही देवसेना को अपना दिल दे बैठा है. वहीं राजमाता अपने बेटे भल्लाल के लिए देवसेना को पसंद करती हैं. जैसा कि राजसी कहानियों में होता है, यहां भी षड्यंत्र रचे जाते हैं.
बाहुबली को राज्य से निकाल दिया जाता है. वह देवसेना के साथ आम जनता के बीच रहने लगता है.
राजमाता के कहने पर मारा था कटप्पा ने बाहुबली को!
यह खुलासा भी इस फ़िल्म में हो जाता है. एक साज़िश के तहत देवसेना के भाई को भल्लाल को मारने के लिए उकसाया जाता है. देवसेना के भाई पर आरोप लगता है कि वो बाहुबली के कहने पर भल्लाल को मारने आया है.
बाहुबली को झूठे आरोप में फंसा दिया जाता है. राजमाता भी इस साजिश में फंस जाती हैं. राजमाता भी बाहुबली को गुनाहगार मानती हैं और कटप्पा को हुक्म देती हैं कि वह बाहुबली को मार डाले.
राजमाता के आदेश पर मजबूर होकर कटप्पा ये जिम्मेदारी ले लेता है. और वह बाहुबली को धोखे से मार देता है. और भल्लाल आकर उसकी लाश के टुकड़े-टुकड़े कर देता है.
पहली फ़िल्म से बेहतर ग्राफ़िक्स:
इस फ़िल्म के ग्राफ़िक्स पहली फ़िल्म से काफ़ी बेहतर हैं. देवसेना का राज्य बाहुबली के राज्य से ज़्यादा सुंदर है. एक्शन सीक्वेंस बहुत कमाल के हैं. फ़िल्म "लार्ड ऑफ़ दि रिंग्स" की याद दिलाते हैं.
कटप्पा और बाहुबली के बीच कुछ कॉमेडी सीन हैं, दर्शकों को यह बहुत पसंद आए हैं. पूरी फ़िल्म के दौरान कई बार
संगीत फ़िल्म का सबसे कमज़ोर पक्ष:
फ़िल्म के गीत बेवजह रखे हुए लगते हैं. गाने लम्बे और खींचे हुए मालूम होते हैं. गीत-संगीत फ़िल्म का सबसे हल्का पक्ष है. फ़िल्म के बेहतरीन क्लाइमेक्स और एक्शन सीन के बीच यह गाने अपनी छाप नहीं छोड़ पाते.
फ़िल्म का क्लाइमेक्स:
फ़िल्म का क्लाइमेक्स कमाल का है. आख़िरी एक्शन सीन ने यह फ़िल्म एक अलग ही मुकाम को हासिल कर लेती है.
अनुष्का शेट्टी देवसेना के रोल में बिलकुल फिट लगी हैं. प्रभास को स्क्रीन पर देखना एक अच्छा अनुभव है. इस फ़िल्म के लिए की गई उनकी मेहनत साफ़ दिखती है.
कटप्पा और बाहुबली के बीच के कुछ कॉमेडी सीन दर्शकों को बहुत पसंद आए हैं. उम्मीद की जा सकती है कि यह फ़िल्म पहली फ़िल्म से बड़ी हिट साबित होगी.
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